रंग बिखेरता इश्क के उजाला ढूंढता हूँ बात करने के उनसे रोज नया बहाना ढूंढता हूँ कैसी बे पनाह मोहब्बत है उनसे रोज नया अफ़साना ढूंढता हूँ ©Yogi Raj Bharti #tereliye bepnah ishak