कोरा बचपन ये दौलत भी लेलो ये सोहरत भी लेलो भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी मगर मुझको लौटा दो बचपन का सागर वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी।। #poet #gazal