Nojoto: Largest Storytelling Platform

वक्त की रफ्तार रुक गई होती है, शर्म से आंखें झुक ग

वक्त की रफ्तार रुक गई होती है,
शर्म से आंखें झुक गई होती है,
अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का,
तो जलने से पहले ही वो बुझ गई होती।

©Kumar Vinod
  वक्त की रफ्तार
kumarvinod8074

Vic@tory

New Creator

वक्त की रफ्तार #Shayari

108 Views