गुजती आवाजों मै इंसानियत का सन्नाटा था ... लघु के हर कतरे में , देशभक्ति का नारा था 🇮🇳 मैं आज हूं , अपनों के सासों में... इस जन्नत की क़ीमत , किसी ने गोलियों की सन्नाटों में लिखा था.... गुजती आवाजों मै इंसानियत का सन्नाटा था ... लघु के हर कतरे में , देशभक्ति का नारा था 🇮🇳 मैं आज हूं , अपनों के सासों में... इस जन्नत की क़ीमत ,