एक इश्क़ इश्क़ के नाम करती हूँ मैं मोहब्बत का तुमसे ऐलान सरेआम करती हूँ। तेरी छुअन से जो पिंघल जाती हैं साँसें मेरी मैं उन्ही साँसों पर लिखकर तेरा नाम रहती हूँ। ये चल रही है धड़कन मेरी सीने में तेरी उस धड़कन में बसकर सरेआम रहती हूँ। कहीं टूट न जाये सीने में धड़कता ये दिल तेरा मैं खुद को जोड़कर तुझसे तेरा नाम लेती हूँ। मिटा दी है हर दूरी हर सरहद इश्क़ से मैने। मैं तेरे दिल मे बसकर अब मोहब्बत का जाम लेती हूँ।- नेहा शर्मा एक इश्क़ इश्क़ के नाम करती हूँ