अगर खो जाओगे तुम किसी दिन हो जाऊँगी तन्हा तुम बिन यहाँ पर खामोश हो जाएंगे लफ्ज़ मेरे तब अनसुना दर्द रह जाएगा दिल का घुट जाएगा अस्तित्व दुनिया में फिर क़भी कह ना पाऊँगी मैं दिल मे रह जाएगी शिकायत कुछ बयां ना कर पाने की तुम जो रहते हो मेरे अंदर छुपकर तो बोल जाती हूँ कुछ अनकहा भी तुम बिन कैसे बोलूंगी वो दर्द अपना जो रह जाता हैं इन आँखों में कही (Read in Caption) अगर खो जाओगे तुम किसी दिन हो जाऊँगी तन्हा तुम बिन यहाँ पर खामोश हो जाएंगे लफ्ज़ मेरे तब अनसुना दर्द रह जाएगा दिल का घुट जाएगा अस्तित्व दुनिया में फिर क़भी कह ना पाऊँगी मैं दिल मे रह जाएगी शिकायत