आज फिर किसी "अमीना" का दिल अपने बच्चे की ख्वाहिश पूरी ना कर पाने पर फुट-फुट कर रोया होगा। और आज फिर कोई "हामिद" अपने हाथ में चार आने देखकर मिठाई और खिलौनों कि दुकान को निहारता हुआ आगे बढ़ गया होगा।। दीवाली कि खुशियां, हर्षोल्लास, उमंग और बहार तो उन "हामिद" से पूछो जिनके जेब में सिर्फ चार आने होते हुए भी वो अपनी बूढ़ी दादी "अमीना" की फिक्र करते हैं। Haapy Diwali To All Of U # the flow of poetry # the flow of poetry