इक रास्ता, इक रहगुज़र इक याद, इक हमसफ़र ये इश्क़ करके क्या किया, मुझसे ख़फ़ा है मेरा शहर दिल में उफान है लहरों का तू गले लगेगी किस पहर वो जवां दिल जो हैं राब्ते में इक काफ़िया और इक बहर ये ज़ालिम ज़माना क्या जाने है इश्क़ ही तो गुजर-बसर फ़लक़ से इश्क़ कब बरसेगा बादल गरज रहें हैं ठहर-ठहर #रहगुज़र #इश्क़ #काफ़िया #yqdidi #yqbaba #yqlove #yqbhaijaan