*तू खुश रहया कर * तु खुश रहया कर जित मर्जी रहया कर मेरे धौरे ना सही तो किते और रहया कर मैं जो किसे का ना होया तो तेरा क्यूकर हो ज्यूं न्यू भरे बाजार मैं मन्नै आपणा ना कहया कर । बेवफ़ाई के बड़े इल्ज़ाम हैं मेरे पै जितना हो सकै मेरे तै दूर रहया कर अर तू जूत मरवावै गी किसे दिन सबनै तू तड़ाक मन्नै 'आप' ना कहया कर । तू खुश रहया कर जित मर्जी रहया कर ।~ स्वयं ©Poetry From Heart #poetryfromheart #poetry_from_heart_1 #alonesoul #स्वयं