माफीनामा दोस्तों जाने अनजाने में गर हुई हो खता, मुझे नादां समझकर कर दो माफी अता। लेखक हूं ना कवि हूं कमियों की छवि हूं, मन के भाव लिख देता मै कभी कभी हूं। न साहित्यिक ज्ञान न शब्दों की समझ है, दिल के सकून के लिए लिखता महज हूं। आपके प्यार स्नेह को पाकर जागी उमंग, सीख रहा थोड़ा सा लिखना आपके संग। आपकी हौसला अफजाई का आभारी हूं, सीख रहा नोजोटो से बस एक अनाड़ी हूं। मित्रो जाने अनजाने में अगर हुई हो खता, मुझे नादान समझकर कर दो माफी अता। JP lodhi 8th July 2020 #माफीनामा #Nojoto #Nojotohindi #Nojotoorigenal #feelings #Poetry