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ख़्वाहिश जब मैं छोटी बच्ची थी तब मैं माँ की परी हुआ

ख़्वाहिश जब मैं छोटी बच्ची थी
तब मैं माँ की परी हुआ करती थी
मैं भी गगन छूना चाहती थी
फंख फैलाकर आसमां में उड़ने चाहती थी

कुछ ख्वाहिशे थी तब
जो सपना बन गयी
जब से पापा से दूर हुई
अपने सपने जीना भूल गयी

एकबार फिर सपने देखना चाहती हूँ
इस गगन को चूमते
अपनी बाहों को पसारे
अपनी बच्ची को देखना चाहती हूँ

गर मैंने ख्वाहिशों का त्याग किया
तो वो क्यों करें
और वो सपने जो मैं देखा करती थी
वो मेरी परछाई क्यों ना देखें #ख़्वाहिश #WOD #khwahish #dreams #sapne #sapna #beti #women #star #taare #wings #par #kahani #vichar #hindi #nojoto #nojotohindin#nojotowriter #aashishvyas #kavita #poem #poetry
ख़्वाहिश जब मैं छोटी बच्ची थी
तब मैं माँ की परी हुआ करती थी
मैं भी गगन छूना चाहती थी
फंख फैलाकर आसमां में उड़ने चाहती थी

कुछ ख्वाहिशे थी तब
जो सपना बन गयी
जब से पापा से दूर हुई
अपने सपने जीना भूल गयी

एकबार फिर सपने देखना चाहती हूँ
इस गगन को चूमते
अपनी बाहों को पसारे
अपनी बच्ची को देखना चाहती हूँ

गर मैंने ख्वाहिशों का त्याग किया
तो वो क्यों करें
और वो सपने जो मैं देखा करती थी
वो मेरी परछाई क्यों ना देखें #ख़्वाहिश #WOD #khwahish #dreams #sapne #sapna #beti #women #star #taare #wings #par #kahani #vichar #hindi #nojoto #nojotohindin#nojotowriter #aashishvyas #kavita #poem #poetry
aashishvyas3179

Aashish Vyas

Bronze Star
New Creator