टिकी रही तमाम उम्र यूँ ही ऐतबार पे मेरे, कुछ कटी तेरे ख़्वाब में कुछ ख़ुमार में तेरे........!! टिकी रही #तमाम #उम्र यूँ ही #ऐतबार पे मेरे, कुछ कटी तेरे #ख़्वाब में कुछ #ख़ुमार में तेरे........!!