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फूल खिले मन आँगन में, महक रहा घर संसार, जो मन की ब

फूल खिले मन आँगन में,
महक रहा घर संसार,
जो मन की बगिया खिली रहे,
तो छाए चारों और 'नेह' की बहार,
छोड़ आपस के बैर-द्वेष,
तोड़ो जाति-धर्म की दीवार,
जोड़ कर रखो प्रीत के धागे,
जिंदगी के दिन बस चार। ज़रा सी धूप का जादू तो देखो,
खिलें हैं फूल मन आँगन में कितने
#मनआँगनमें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
#नेहसंदेश 
#drnehagoswami
फूल खिले मन आँगन में,
महक रहा घर संसार,
जो मन की बगिया खिली रहे,
तो छाए चारों और 'नेह' की बहार,
छोड़ आपस के बैर-द्वेष,
तोड़ो जाति-धर्म की दीवार,
जोड़ कर रखो प्रीत के धागे,
जिंदगी के दिन बस चार। ज़रा सी धूप का जादू तो देखो,
खिलें हैं फूल मन आँगन में कितने
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#drnehagoswami
drnehagoswamisha4463

नेहा

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