उठे कलम तो लिखे, चैन ओ अमन, हिंदोस्तान । नफ़रत तो रोज़ बह रही हैं गलियारों में ।। रोज़ नया खेल, खेले जाते हैं मज़हब के नाम पर। रत्ती भर ईमान नहीं, देश के गद्दारों में ।। #सुजीतकुमारमिश्राप्रयागराज ©poetsujeet #poetsujeet #ilovemyindia #nationlove #सुजीतकुमारमिश्राप्रयागराज #नफ़रत #चैन_ओ_अमन