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White ठिठुर रहा है आदमी,खोज रहा वह ठौर। उसको भूख क

White ठिठुर रहा है आदमी,खोज रहा वह ठौर।
उसको भूख कँपा रही, ढूँढे भोजन सौर।।
 शीत ना थकाए यहाँ ,मगर थकाए भूख।
जीवन पाटन में फँसा ,सहता जाए दुःख।।
हाड़ माँस का आदमी,बैठ करता घमंड।
व्यर्थ एक भोजन करे,भूखा दूजा दंड।।f

©Bharat Bhushan pathak #good_night  poetry in hindi hindi poetry on life hindi poetry poetry poetry quotes
White ठिठुर रहा है आदमी,खोज रहा वह ठौर।
उसको भूख कँपा रही, ढूँढे भोजन सौर।।
 शीत ना थकाए यहाँ ,मगर थकाए भूख।
जीवन पाटन में फँसा ,सहता जाए दुःख।।
हाड़ माँस का आदमी,बैठ करता घमंड।
व्यर्थ एक भोजन करे,भूखा दूजा दंड।।f

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