वस्ल है नहीं किस्मत में, यही तो इम्तिहान होता आया मोहब्बत का। आरज़ू बन कर जो धड़कता रहा दिल में, आजमाइश की उसे अपना बनाने की।। •●• जीएटीसी क्रिएटिविटी - ९ •●• 《चैलेंज: १०》 कोलाॅब कीजिए २-६ पंक्तियाँ पृष्ठभूमि में लिखें। अपनी पूर्ण रचना को अधिकतम १८ पंक्तियों में अनुशीर्षक में लिखें। ( अनुशीर्षक में लिखने के लिये कोई भी बाध्यता नहीं है। ) आपकी पृष्ठभूमि की पंक्तियों को आप अनुशीर्षक में दोहरा सकते हैं। अनिवार्य हैशटैग: