Nojoto: Largest Storytelling Platform

कृष्ण कृष्ण कि धुन चारों ओर है आज कृष्ण ही छाये चा

कृष्ण कृष्ण कि धुन चारों ओर है
आज कृष्ण ही छाये चारों ओर है

मोर मुकुट, होंठों पर बंसी,गले में वैजन्ती माला
मनमोहन  तेरी मोहनी सुरत बनी चित चोर है

न खाने कि सुध,न सोने कि फिक्र
सबकी नजरें चहुं दिशाओं में सिर्फ तेरी ओर है

सबको बस तेरा हि इंतजार है
भवसागर में फंसी नैया का तु ही खेवनहार है

मेरे दिल कि बस यही पुकार है
बन जाओ  सारथी मेरे जीवन रुपी रथ के
तुम्हारे सिवा मेरा नहीं कोई और है।

©Amit Sir KUMAR
  #janmashtami कृष्ण कृष्ण....

#janmashtami कृष्ण कृष्ण.... #कविता

306 Views