Vishnu Bhagwan वाहा केशव!!! वाह केशव! क्या तेरी माया, तुने क्या संसार रचाया, सब पर डाली माया की छाया, किया वही जो तुने करवाया, कर्म-बंधन से तूने ही बंधवाया, फिर मानव क्यूं दोषी कहलाया, होता वहीं जो तूने चाहा तुझसे कोई बच नहीं पाया मेरी तो कुछ समझ न आया, क्यूं मानव इस में फसता आया, क्यूँ तूने ये खेल रचाया, वाहा केशव! क्या तेरी माया । ©Uma Vaishnav #vishnubhagwan