पता नहीं क्यों रह रह कर तेरी याद आती है , जब भी याद आती है कुछ बेचैन सा हो जाता हूं . तुमसे मिलने को बेताब हो जाता हूं . तुमसे बात करने को बेताब हो जाता हूं. पर तुम्हारी दी गई जंजीरों में बंध कर रह जाता हूं... चीख कर रह जाता हूं... चिल्ला कर रह जाता हूं.... 41