एक राग सुना के गया मेरी अंगूठी का नगीना सोने पड़े दिलों को जगा के गया अंगूठी का नगीना सोने पड़े चिराग उनके दिल मचल गए खंडहरों में पड़े उनके भी दिल फिसल गए सुनी के आवाज मुंडेरों के दीप जल गए जनाब कहने लगे पहले ताज चमका के गया अंगूठी का नगीना एक राग सुना के गया मेरी अंगूठी का नगीना सोने पड़े दिलों को जगा के गया अंगूठी का नगीना शीतल से चांदनी में रात के तारे टिमटिम आने लग गए सूरज की गर्मी को ठंडा रात्रि में कर गए फूलों की खुशबू की कमी पूरा करके गया अंगूठी नगीना हृदय की प्यास बुझा कर गया कंगना एक राग सुना के गया मेरी अंगूठी का नगीना सोने पड़े दिलों को जगा के गया अंगूठी का नगीना **इश्क प्यार का इजहार** ©Writer_KAVISONU #beinghuman एक राग सुना के गया मेरी अंगूठी का नगीना सोने पड़े दिलों को जगा के गया अंगूठी का नगीना सोने पड़े चिराग उनके दिल मचल गए खंडहरों में पड़े उनके भी दिल फिसल गए सुनी के आवाज मुंडेरों के दीप जल गए जनाब कहने लगे पहले ताज चमका के गया