मैं और मेरी यादें अक्सर ही बैठकर एक दूसरे से बातें करते हैं, मेरी यादें कभी रुलाती कभी हंसाती है कभी खामोश रहती हैं। मेरी यादें बड़ी ज़िद्दी है कि बिन बुलाए ही कभी भी आ जाती हैं, लेकिन मैं अपनी यादों को अपनी मनमर्जी से बुलाना चाहती हूं। यादें कहती हैं कि मैं बिन बुलाए ही आऊंगी चाहे जो भी कर लो, मैं हर वक्त यादों में नहीं खोना चाहती हूं फिर भी आ ही जाती है। कभी रूठ जाती है, कभी मान जाती हैं हर पल साथ निभाती हैं, यही है जो मुझे जिंदगी के अच्छे बुरे पहलुओं को याद दिलाती है। जब नाराज होते हो कभी खुद से तो यादें ही झरोखों से झांकती हैं, आकर समझाती हैं और जिंदगी में आगे बढ़ने को हौसला बढ़ाती है। मैं और मेरी यादें #काव्य संग्रह #kavyasangrahmanch #tisrapadav #merikavyayatra #meriyatraeksoch #yqbaba #yqdidi