लम्हा मोहब्बत से अना में तब्दील हुआ, उसे दुनिया से मांग कर.. दिल बहुत ज़लील हुआ| तेरी बेरुखी मंज़ूर हो चली थी हमें, तेरा सच कहना रिश्ते की आखरी कील हुआ| उसे दुनिया से मांग कर दिल बहुत ज़लील हुआ… मेरे जज़्बात सबब से अनजान ही रहे, मेरा बयां ए वफ़ा गुनाहगार की दलील हुआ| उसे दुनिया से मांग कर दिल बहुत ज़लील हुआ.. यूँ थम के बैठ गया हूँ तेरी खातिर, बहते दरिया से.. ‘वीर’ एक झील हुआ| #sss