एक मन हरण घनाक्षरी छंद चलती लहर मन खिलती कलिय मन फिर भी न जाने क्यों , मन ये उदास है | भाव के बहाव मे ही बहता रहा हूं सदा लगता है तभी मन , मेरा ये उदास है || प्राण वायु के समान जैसे वारि मे हो प्रान मिले न अगर जो ये , आती नही सांस है | वैसे ही हुआ बेचैन अश्रु छलकाते नैन लगता है जैसे कोई , मेरा आस पास है ..|| क्या आप मनहरण घनाक्षरी छंद के बारे मे जानते है..? #दिलउदासहै #yqdidi #love