गुरुर है मुझे अपनी मुहोब्बत पर वो मुझे इश्क़ करे न करे मैं उसे ऐसे इश्क़ करता हु जैसे खुदा की इबादत अब खुदा की इबादत भी कभी खाली जाती है क्या सरफिरा आशिक़