तुम कभी खुद से काॅल करती नहीं ,फिर उसदिन क्यों किए, घर पर पता चल गया ,मैं उन्हे धोका नहीं दे सकता , कुछ जिम्मेदारीयाँ हैं मेरी ,बात नहीं कर सकता मैं ,माफ कर देना ,अल्लाह हाफिज़ ...!! शबा से आखिरी बार बात करना भी ,नासिर ने मुनासिब नहीं समझा । खैर शबा तो वो हैं ,जो तुम्हारी अप्पी के काॅल आते हैं ,खुद बहाना बनाके काॅल कट कर देती हैं ,ओर तुम खफा भी हो जाते थे । लेकिन शबा तुम्हारी फैमिली की बीच कभी नहीं आना चाहतीं थी ।