: काश वो भी एक शाम आये, जब पास मेरे दिल का मेहमान आये , रोज़ तलाशती है निग़ाहें मेरी उसको, ना जाने कब नज़र मुझको मेरा चाँद आये।। काश वो भी एक शाम आये ।। : कि जिनके जिक्र के बिना पूरी नही होती मेरी कोई भी कविता , कभी उनके भी जिक्र में भी तो हमारा नाम आये ।। काश वो भी एक शाम आये- काश वो भी एक शाम आये।। : हर्फ़ दर हर्फ़ में जिनका जिक्र है मेरे , कभी उनकी भी तो यादों में मेरा नाम आये ।। काश वो भी एक शाम आये - काश वो भी एक शाम आये।। कि टूट रहा हूँ मैं जब भीतर ही भीतर उनकी यादों में , तब काश वो थामने मेरा हाथ आये, काश वो भी एक शाम आये- काश वो भी एक शाम आये।। : जब निकल रही हो मेरी मैय्यत उनकी गलियों से, तो काश उनका दुप्पटा उड़ कर मेरा कफन बन जाये , काश वो भी एक शाम आये- काश वो भी एक शाम आये।। #kaash_vo_bhi_ek_shaam_aaye Bhavana Pandey