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स्वपन उसका आगमन , मिली चेतावनी, चिल्लाना मत, बह

 स्वपन
उसका आगमन , मिली चेतावनी, 
चिल्लाना मत, बह जाएगा 
वह बैठा है ,दबाना मत,
 बनावटी ही रह जाएगा 
आधा मिले स्वीकार है 
न बनावट इसका आधार है 
बहुमूल्य रत्नों से भी अपार है 
यह कौन सा विचार है
 आज कुछ न मिला
 सवेरे समेट न पाए 
यह कौन सा उजाला
यह कितने मार्ग दिखाएं 
जो न पाया
 क्या यह उसकी माया ?  
यह मंजिल का पहला  सोपान
जो दे रहा एक धीमी मुस्कान।

©Bhanu Priya
  #udaan
bhanupriya6111

Bhanu Priya

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#udaan #Poetry

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