आपदाओं का भरोसा नहीं कब, कैसे और कहाँ प्रकट हो जायें, यूँही सुप्रभात। सोच समझ कर ख़र्च कीजिए, ज़िन्दगी यूँही नहीं मिलती... #सोचसमझकर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi