जिन्दा जो है अभी मरने भी दो , इश्क़ ख़ता है तो क्या करने भी दो । आयेगी सांस तो उठेगी तल़ब जीने की , इस दरिया सी ज़िन्दगी से मुझे गुजरने भी दो । ख्वाब सन्जोये जाता हूं ज़िन्दगी हूं यकिन नहीं , खा़तिर मेरी ज़िन्दगी के कुछ मुझे भी करने दो डूबे बर्सो बन्दिशो में हासिल तो कोड़ी तक नहीं , ज़माना मेरा भी है औकतो से निकलने भी दो सवाब हासिल मुझे हजार हुए मगर खताये भी करनी है अब जलती है दुनिया तो जलने भी दो । ..........shahreen #aashiya