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सुबह मुस्कुराने लगी उनके आने से। दोपहर इतराने लगी

सुबह मुस्कुराने लगी उनके आने से।

दोपहर इतराने लगी  उनके आने से।

श्याम की तो जैसे पौ  बारह  हो गई -

रात गुनगुनाने  लगी  उनके आने से।
omaryan3543

Om aryan

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सुबह मुस्कुराने लगी उनके आने से। दोपहर इतराने लगी  उनके आने से। श्याम की तो जैसे पौ  बारह  हो गई - रात गुनगुनाने  लगी  उनके आने से। #Shayari

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