Nojoto तेरी जमीं पे,मेरे खुदा,
दज्जाल बैठे हें तख्त पर,वो जहर भरे कई जाम है,यहाँ बुतकदो के निजाम है//१
बना निशाना गरीबो को,घर ढहाते चाव से,के ज़बा यहाँ न बेबाक है,और कलम भी उनका गुलाम है//२
कई नोनिहालों के खून से, जो नदी बही उसे देखकर,इसे पीना कितना मुहाल है मेरा खाना मुझपे हराम है//३
मेरी उल्फ्त्तों के पयाम को इन्ही सरकशों ने जला दिए,यहाँ चारसू है नफरते,नाहीं उल्फतों का इमाम है//४ #Quotes#Live#Like#poetsofindia#shayarilover#shamawritesBebaak#latestgazal#lwritersofindia