वो छुप छुप के देख जाती है मेरे लिखे लफ़्ज़ों को और फिर उन्हें सुनने की प्यारी सी जिद्द करती है.! वो सोलह बरस की नादां ना है बस इतना जान लो, मातृत्व देने वाली, स्नेह की मुझपर पर हद करती है! पढ़ लेगी वो, पर बोलेगी ना कुछ उसका यूँ सताना भी जानलेवा है #kumaarsthought #एहसासऔरतुम