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वीर तुम अडे रहो रजाई में पड़े रहो चाय का मजा थे प्

वीर तुम अडे रहो रजाई में पड़े रहो
चाय का मजा थे प्लेट पकोड़ी से सजा रहे
मुंह कभी रुके नहीं रजाई कभी उठे नहीं
वीर तुम अडे रहो....
मां की लताड़ हो या बाप की दहाड़ हो
तुम निडर डतो नहीं रजाई से उठो नहीं
वीर तुम अडे रहो......
मुंह भले गरजते रहे डंडे भी बरसते रहे
दीदी भी भड़क उठे चप्पल भी खड़क उठे
वीर तुम अडे रहो....
प्रात हो या रात हो संग कोई ना साथ हो
रजाई में घुसे़ रही वीर तुम डटे रहो
वीर तुम अडे रही.......
एक रजाई लिए हुए एक प्रण लिए हुए
अपने आराम के सिर्फ आराम के लिए
वीर तुम अडे रहो रजाई में पड़े रहो
कमरा गर्मी से भरा कान गाली से भरा
यतन कर निकाल लो ये समय तुम निकाल लो
कोरोना है ये कोरोना यह बड़ा प्रचंड है
हवा से ये लग रहा इसने घेरा पूरा भू खंड है
समय समय पर साबुन से हाथ धोते रहो
वीर तुम अडे रहो रजाई में पड़े रहो
#__मोहित पाराशर रजाई धारी दिनभर आलसी बने और घर से ना निकले
वीर तुम अडे रहो रजाई में पड़े रहो
चाय का मजा थे प्लेट पकोड़ी से सजा रहे
मुंह कभी रुके नहीं रजाई कभी उठे नहीं
वीर तुम अडे रहो....
मां की लताड़ हो या बाप की दहाड़ हो
तुम निडर डतो नहीं रजाई से उठो नहीं
वीर तुम अडे रहो......
मुंह भले गरजते रहे डंडे भी बरसते रहे
दीदी भी भड़क उठे चप्पल भी खड़क उठे
वीर तुम अडे रहो....
प्रात हो या रात हो संग कोई ना साथ हो
रजाई में घुसे़ रही वीर तुम डटे रहो
वीर तुम अडे रही.......
एक रजाई लिए हुए एक प्रण लिए हुए
अपने आराम के सिर्फ आराम के लिए
वीर तुम अडे रहो रजाई में पड़े रहो
कमरा गर्मी से भरा कान गाली से भरा
यतन कर निकाल लो ये समय तुम निकाल लो
कोरोना है ये कोरोना यह बड़ा प्रचंड है
हवा से ये लग रहा इसने घेरा पूरा भू खंड है
समय समय पर साबुन से हाथ धोते रहो
वीर तुम अडे रहो रजाई में पड़े रहो
#__मोहित पाराशर रजाई धारी दिनभर आलसी बने और घर से ना निकले