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हम वतन के लिए चाहे कर ले कितने जतन अगर मजहबी है मन

हम वतन के लिए
चाहे कर ले कितने जतन
अगर मजहबी है मन
सुरक्षित नहीं रहेगा तन
जान पर खेलने वालों ने
संवारा है मेरा वतन
देश की आज़ादी के
77वें जन्म पर
देश के वीरों को
मेरा शत शत है नमन।

©vishwas
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