कुछ कहना था कुछ सुनना था, माँ तेरे साथ मुझे और जीना था ! थोड़ा गिरना था, थोड़ा सम्भलना था, माँ मुझे अभी तेरे छाव मे रहना था ! प्यार देना था, प्यार लेना था, मुझे तुझसे प्यार करने का ढंग सीखना था! सपने देखना था, उन्हें पूरा करना था, अपने जीत का ताज़ तुझे पहनाना था, मुझे तेरे साथ और जीना था ! हर साल तेरी तस्वीर पर फूलों का हार बदलने के बजाये, मुझे तेरे कदमो में फूल बिछाना था, माँ मुझे तेरे साथ और जीना था ! In the memory of my beloved mom. #nojotohindi #hindipoetry #motherhood #memorypoem