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चाह नही प्रेम की बनूँ तो चाहत बनूँ। छुड़ाए से भी न

चाह नही प्रेम की बनूँ तो चाहत बनूँ।
छुड़ाए से भी न छुटे ऐसी आदत बनूँ।
इनके,उनके,सबके दर्द की राहत बनूँ।
जो दे कोई दर्द तो,उसकी शामत बनूँ।
जब बनूँ तो खुशियों की तिजारत बनूँ।
करीने से सँजोये कोई वो विरासत बनूँ।
मेरी चाहत है कि किसी की चाहत बनूँ।
बनूँ तो साया,ना किसी का विकल्प बनूँ।
तलब सी लग जाये ऐसा दृढ संकल्प बनूँ।
इश्क का मरीज नही,मैं परिन्दा स्वस्थ बनूँ।
जुबां पे रहूँ किसी की कविता कण्ठ्स्थ बनूँ।
नाज करे मेरी बातों पर बस इतना समर्थ बनूँ।
आधा-अधूरा नही बनूँ तो मुद्दत -सा अर्थ बनूँ।
मेरी चाहत है कि बनूँ तो शिद्दत-सी चाहत बनूँ।
                              ~Ashi's Rachna💙

©Ashish Gupta #you #me #Love #Pyar #Hindi #share #Like #follow #in #India
चाह नही प्रेम की बनूँ तो चाहत बनूँ।
छुड़ाए से भी न छुटे ऐसी आदत बनूँ।
इनके,उनके,सबके दर्द की राहत बनूँ।
जो दे कोई दर्द तो,उसकी शामत बनूँ।
जब बनूँ तो खुशियों की तिजारत बनूँ।
करीने से सँजोये कोई वो विरासत बनूँ।
मेरी चाहत है कि किसी की चाहत बनूँ।
बनूँ तो साया,ना किसी का विकल्प बनूँ।
तलब सी लग जाये ऐसा दृढ संकल्प बनूँ।
इश्क का मरीज नही,मैं परिन्दा स्वस्थ बनूँ।
जुबां पे रहूँ किसी की कविता कण्ठ्स्थ बनूँ।
नाज करे मेरी बातों पर बस इतना समर्थ बनूँ।
आधा-अधूरा नही बनूँ तो मुद्दत -सा अर्थ बनूँ।
मेरी चाहत है कि बनूँ तो शिद्दत-सी चाहत बनूँ।
                              ~Ashi's Rachna💙

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