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हमसे भी कभी आंखें दो-चार कर दीजिए अगर इश्क है हमस

हमसे भी कभी आंखें  दो-चार कर दीजिए
अगर इश्क है हमसे तो इजहार कर दीजिए

मैं तो काफिर हुँ मुझे इबादत कहां आती है...
आपने हाथ से छूकर मुझे पाक कर दीजिए।

चोटिल है.. ये दिल... मेरा जमाने के सितम से 
उजड़ा हुआ शहर हुँ मुझे आबाद कर दीजिए।

कहां गए परिंदे सारे इस जंगल के... देखो
कोई खतरा गर है तो मुझे खबरदार कर दीजिए ।

और मैं कहां जानता हुँ अंतर होली और ईद का....
मैं चांद को देखूं तो...मेरे गाल गुलाल कर दीजिए ।
 हमसे भी कभी आंखें  दो-चार कर दीजिए
अगर इश्क है हमसे तो इजहार कर दीजिए

मैं तो काफिर हुँ मुझे इबादत कहां आती है...
आपने हाथ से छूकर मुझे पाक कर दीजिए।

चोटिल है.. ये दिल मेरा जमाने के सितम से.....
उजड़ा हुआ शहर हुँ मुझे आबाद कर दीजिए।
हमसे भी कभी आंखें  दो-चार कर दीजिए
अगर इश्क है हमसे तो इजहार कर दीजिए

मैं तो काफिर हुँ मुझे इबादत कहां आती है...
आपने हाथ से छूकर मुझे पाक कर दीजिए।

चोटिल है.. ये दिल... मेरा जमाने के सितम से 
उजड़ा हुआ शहर हुँ मुझे आबाद कर दीजिए।

कहां गए परिंदे सारे इस जंगल के... देखो
कोई खतरा गर है तो मुझे खबरदार कर दीजिए ।

और मैं कहां जानता हुँ अंतर होली और ईद का....
मैं चांद को देखूं तो...मेरे गाल गुलाल कर दीजिए ।
 हमसे भी कभी आंखें  दो-चार कर दीजिए
अगर इश्क है हमसे तो इजहार कर दीजिए

मैं तो काफिर हुँ मुझे इबादत कहां आती है...
आपने हाथ से छूकर मुझे पाक कर दीजिए।

चोटिल है.. ये दिल मेरा जमाने के सितम से.....
उजड़ा हुआ शहर हुँ मुझे आबाद कर दीजिए।