माँ तेरी आंचल में सुकून की पनाह है मेरी हर गलतियां तेरे लिए एक छोटी सी गुनाह है मेरी पहली पाठशाला की तेरी मीठी-मीठी लोड़ियां मेरे रूठ जाने पर मनाने, खिलाने की बलजोड़ियां हर गुनाह से लड़ने की सीखाती हो तड़कीब जितने की हर खुशियों में या गम की भी गलियों मेंं तुम होती हो करीब हर गम भूल जाते हैं एक तेरा प्यार पा के हर दिन तो खुबसुरत होती हीं है होती है सुकून की रातें......… मागूं मैं दुआ उस रब से जो है तेरी सूरत मे पास मेरे रूठे न कभी मुझसे कभी साथ रहे मेरी माँ का यूँहि साथ मेरे..! ©payal kuwar #happy MothersDay #