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#प्रेम! जहाँ,जिनमें,जिनसे भी है यदि आपको #प्रेम है

#प्रेम! जहाँ,जिनमें,जिनसे भी है यदि आपको #प्रेम है तो उन्हीं में तो भगवान हैं!

और जिनसे भी प्रेम है उनमें आप अपने भगवान को देखते हैं तो यही तो सत्यता से परिपूर्ण परिशुद्ध #प्रेम है!

और उस #प्रेम का चिंतन करना, उस #प्रेम में अपने भगवान के भी एक रूप को देखते हुए उनका ससम्मान भक्ति करना ही तो परिशुद्ध #प्रेम है!

द्वेष, ईर्ष्या, भ्रम, क्रोध, भय, मोह जहाँ हो वहाँ #प्रेम नहीं रहता!

मोह हो तो छूट जाता है किंतु #प्रेम हो तो! हृदय जुड़ ही जाता है!!

यही एक #प्रेम भी तो जगत पालक श्रीकृष्ण देकर गए हैं इस ब्रह्मांड को।
#mayankmadhava 
✍🏻मौलिक
✍🏻मयंक माधवा
राधे....श्री राधेश्याम❤️🙇

©Mayank Jaiswal
  #mayankmadhava #सुविचार