क्या परिचय दूँ तुझे प्रिये क्या अपना तुम मुझे मानोगे क्या मेरे नीरस जीवन को पहचानोगे क्या मेरे शांत हृदय में चंचल प्रेम का मधुमय भर पाओगे इस क्या में अपने प्रेम का अभिनय कर पाओगे क्या रहस्यमय में मुझे प्रेयसी बनाओगे यहीं अनबुझी पहेली तुम हर पल मुझसे पाओगे ...✍भारती कुमारी भारती कुमारी