नशे में हूं, नशे में हूं, की जबसे शरबती आंखों को देखा हैं, खुदा इस मोहनी सूरत का दिल पाबंद हो जाए | अगर तू चार-छे चक्कर लगा दे मेरी बस्ती के , तो जो नुक्कड़ पे है दारू का ठेका,बंद हो जाए | #नशे में हूं, की जबसे #शरबती #आंखों को देखा हैं, खुदा इस मोहनी #सूरत का दिल #पाबंद हो जाए |