नहीं देखती ग़रीब की बात हैं होली ना ही देखती अमीर की साज़ हैं होली सभी को एक रंग में सराबोर कर देती पर तन पर नहीं छोड़ती तनिक दाग हैं होली अगर बरसों से पल रहा हैं मन में कुछ तो रगड़कर दूर कर देती हर भाव है होली नफ़रत हवा हो जाती हैं मिलकर गलें सबसें बिगड़े सभी रिश्तें बनातीं चाव हैं होली मुबारक़वाद सबकों की सलामत सब रहें कराती रहें यूँ ही सबमें लगाव हैं होली। ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #होली #रंग_बरसे #Happy_holi