दर्द की तन्हाई में हम यूं जी रहे.., अपनों की महफ़िल में होके तन्हा रह रहे.., किससे अब गिला करें शिकवा रही कहीं न, जिसके लिए था उसने मुझको जाना न, दर्द की तन्हाई में.....! दर्द की तन्हाई में....!