वो इस मुस्कान को धीरे से मध्यम कर रहे हैं! और एक हम है कि इसको देखने को मर रहे हैं ! बहुत सजदे किए रातों में हमने उठके मौला को, तुम्हें पाने की खातिर उस जहां में लड़ रहे हैं ! बताऊं किस तरह"परवेज"वो बेबस मिला मुझको, छलक ना जाए आंखों के प्यालें भर रहे हैं ! Writer:-Parvej Sabri. ©ILuvMyPast #GulPammi #lonlyness MONIKA SINGH MONIKA SINGH