बचपन मे इतना सहा फिर भी हम चुप थे नादनिया हममे बहुत थी ना जाने क्यू फिर भी हुम खुश थे अटपटी सी शरारते हमारी, वो हमारे सुख के दिन थे बडे हुए तो पता चला, जो बीत गए वो बचपन के दिन थे ©Jogi Taraori #चुपथे #chupthe #PoetInYou