जिंदगी #अज़ीब है, ये रास्ते अज़ीब.. मंज़िलों की चाह में है भागते सभी.. मंज़िलें मिलती नही, न मिलते है मुक़ाम.. चाहतें बढ़ती ही जाती, मंज़िलों के पार.. हाथ आता कुछ नही, रह जाता है खाली.. तनहा आए हम यहां थे, जा रहें है खाली.. #अजय57