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.....— % & कितना सुखद है आज चारों दिशाओं में जैसे

.....— % & कितना सुखद है आज 
चारों दिशाओं में जैसे 
उत्सव का शंख नाद हो रहा 
हो भी क्यूं ना
कितने युगों के उपरांत ये मिलन की 
बेला है संपूर्ण
 प्रेम की संपूर्णता का पर्व....।
मैंने जैसे ही कदम रखा अंतर्मन में
.....— % & कितना सुखद है आज 
चारों दिशाओं में जैसे 
उत्सव का शंख नाद हो रहा 
हो भी क्यूं ना
कितने युगों के उपरांत ये मिलन की 
बेला है संपूर्ण
 प्रेम की संपूर्णता का पर्व....।
मैंने जैसे ही कदम रखा अंतर्मन में