भीतर से झांकता है शोर अपनी सभी आशंकाओं के साथ जैसे मौके की फिराक में कोई पंछी झांकता है पिंजरे से बाहर, दुविधा और संवेदनाएं चोंच में दवाएं मैंने शोर से बेहतर जाना है मौन को चीखने से मुश्किल पाया है बोलना और बोलने से मुश्किल है। मौन मैंने अपने भीतर शोर पाला जिसके जवाब में, मैं हमेशा मौन रहा । ©MT writing #nojotowriterrumanakhan #Pathano #nojotohindi2020 #NojotoWriter😍😍😎😎