सच कहूँ ? तेरी याद बहुत आती है सोचती हूँ तुम्हे सोचना बंद कर दूँगी पर जाने क्या मजबूरी है कुछ पास पास सी लगती थी कल आज ये कैसी दूरी है आँचल"अंकन" याद आती है