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#Ramleela बालिका जानकी ने झाड़ू लगाते समय भ | Hin

#NojotoRamleela

बालिका जानकी ने झाड़ू लगाते समय भगवान शिव का धनुष उठाकर झाड़ू लगाई और पुन: धनुष वहीं रख दिया. महाराज जनक को यह बात पता लगी तो हर्ष से सीता स्वयंवर केलिए धनुष भंग की शर्त रख दी. दूर दूर से राजा एकत्र हुए. विश्वामित्र जी केसाथ राम और लक्ष्मण भी आए. रावण भी पहुँचा. धनुष यज्ञ शुरू हुआ. जब कोई राजा धनुष भंग तो दूर धनुष हिला तक नहीं पाया तो हताश होकर जनक जी ने कहा कि जैसे धरती वीरों से खाली हो गई हो. ये सुनकर लक्ष्मण जी ने क्रोधित होकर चेताया कि रघुकुल वंशियों के होते ऐसा न बोलें. अब विश्वामित्र जी के संकेत पर श्रीराम उठे. गुरुजनों को प्रणाम कर आशीर्वाद लिया. इष्ट और इष्ट के धनुष को प्रणाम कर परिक्रमा की और मानों बिना प्रयास क्षणभर में धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई और धनुष भंग कर विजेता बने. उधर इष्ट के धनुष भंग का नाद सुनकर परशुराम जी क्रोध में भरे आये. फिर विवाद केबाद श्रीराम को पहचानकर आशीर्वाद देकर गये. अब सीता जी और बहनों के विवाह श्रीराम और भाइयों केसाथ धूमधाम से सम्पन्न हो गये.

©Shiv Narayan Saxena धनुष भंग. 

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बालिका जानकी ने झाड़ू लगाते समय भगवान शिव का धनुष उठाकर झाड़ू लगाई और पुन: धनुष वहीं रख दिया. महाराज जनक को यह बात पता लगी तो हर्ष से सीता स्वयंवर केलिए धनुष भंग की शर्त रख दी. दूर दूर से राजा एकत्र हुए. विश्वामित्र जी केसाथ राम और लक्ष्मण भी आए. रावण भी पहुँचा. धनुष यज्ञ शुरू हुआ. जब कोई राजा धनुष भंग तो दूर धनुष हिला तक नहीं पाया तो हताश होकर जनक जी ने कहा कि जैसे धरती वीरों से खाली हो गई हो. ये सुनकर लक्ष्मण जी ने क्रोधित होकर चेताया कि रघुकुल वंशियों के होते ऐसा न बोलें. अब विश्वामित्र जी के संकेत पर श्रीराम उठे. गुरुजनों को प्रणाम कर आशीर्वाद लिया. इष्ट और इष्ट के धनुष को प्रणाम कर परिक्रमा की और मानों बिना प्रयास क्षणभर में धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई और धनुष भंग कर विजेता बने. उधर इष्ट के धनुष भंग का नाद सुनकर परशुराम जी क्रोध में भरे आये. फिर विवाद केबाद श्रीराम को पहचानकर आशीर्वाद देकर गये. अब सीता जी और बहनों के विवाह श्रीराम और भाइयों केसाथ धूमधाम से सम्पन्न हो गये.

©Shiv Narayan Saxena धनुष भंग. 

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